1983 वर्ल्ड कप हीरो मदन लाल ने मानव रचना विश्वविद्यालय में क्रिकेट के बदलते दौर पर चर्चा की

1983 वर्ल्ड कप हीरो मदन लाल ने मानव रचना विश्वविद्यालय में क्रिकेट के बदलते दौर पर चर्चा की

1983 World Cup hero Madan Lal

1983 World Cup hero Madan Lal

फरीदाबाद। दयाराम वशिष्ठ: 1983 World Cup hero Madan Lal: पूर्व भारतीय क्रिकेटर और राष्ट्रीय कोच मदन लाल ने मानव रचना विश्वविद्यालय (MRU) के विधि स्कूल द्वारा आयोजित पैनल चर्चा में हिस्सा लिया। चर्चा का विषय था “खेल प्रशासन और नैतिकता: पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करना।” इस कार्यक्रम का आयोजन सेंटर फॉर पब्लिक पॉलिसी, लॉ एंड गवर्नेंस ने किया था। सत्र में प्रमुख खेल हस्तियां और प्रतिष्ठित कानूनी पेशेवर शामिल हुए, जिन्होंने खेल प्रबंधन के महत्वपूर्ण मुद्दों जैसे नैतिक प्रथाओं, पारदर्शिता और जवाबदेही पर चर्चा की और बताया कि कैसे सही शासन ढांचा भारत में खेलों की ईमानदारी और विश्वसनीयता को मजबूत कर सकता है।

चर्चा के दौरान, 1983 वर्ल्ड कप विजेता टीम के सदस्य और भारत के सबसे सम्मानित क्रिकेट विशेषज्ञों में से एक मदन लाल ने क्रिकेट के विकास और खेल में उभरते रुझानों पर अपने विचार साझा किए। उन्होंने कहा, “शॉट्स वैसे ही हैं, लेकिन अब खिलाड़ी बल्लेबाजी और गेंदबाजी दोनों में अधिक नवाचार ला रहे हैं। क्रिकेट छोटे फॉर्मेट में विशेष रूप से और अधिक फोकस्ड और मनोरंजक हो गया है। एक और महत्वपूर्ण बदलाव यह है कि युवा खिलाड़ियों की संख्या बढ़ रही है, जो खेल में नई ऊर्जा और प्रतिभा ला रही है।”

1983 World Cup hero Madan Lal

उन्होंने खेल प्रशासन में पेशेवर दृष्टिकोण और संरचित शासन की आवश्यकता पर भी जोर दिया। मदन लाल ने कहा, “खेल में सफलता अनुशासित सिस्टम, जिम्मेदार प्रबंधन और परिणाम देने से मिलती है। एक अच्छा प्रशासक या कोच जवाबदेह होना चाहिए, लगातार प्रदर्शन करना चाहिए और यह सुनिश्चित करना चाहिए कि सिस्टम युवा प्रतिभाओं का सही विकास करे। प्रभावी शासन के लिए प्रमुख भूमिकाओं में सक्षम लोग होना जरूरी है, जो नैतिकता और पारदर्शिता के मार्गदर्शन में काम करें ताकि विश्वास और दीर्घकालिक सफलता बनी रहे। केवल ऐसे ढांचे के साथ ही भारत हर खेल में चैंपियन तैयार कर सकता है।”

इस इंटरैक्टिव सत्र ने छात्रों को खेल, कानून और नैतिकता के संगम को समझने का महत्वपूर्ण अवसर दिया और यह दिखाया कि सही प्रशासन का वास्तविक असर खेल में निष्पक्षता और जवाबदेही पर कितना पड़ता है। मानव रचना विश्वविद्यालय के विधि स्कूल की इस तरह की पहल छात्रों में समकालीन और बहु-विषयक संदर्भों में कानूनी सिद्धांतों की समझ और आलोचनात्मक सोच को बढ़ावा देने का उद्देश्य रखती है।